जब कोई नियोक्ता आपको काम पर रखना चाहता है और आपको नौकरी का प्रस्ताव देता है, तो उन्हें:
- प्रस्ताव के बारे में आपको ज़रूर बताना चाहिए
- नौकरी की भूमिका और नौकरी की शर्तों को ज़रूर स्पष्ट करना चाहिए
- आपके काम के बदले में कुछ पारिश्रमिक/वेतन/लाभ का प्रस्ताव ज़रूर देना चाहिए
प्रस्ताव का संवाद
नियोक्ता को स्पष्ट शब्दों में नौकरी के प्रस्ताव के माध्यम से आपको नौकरी पर रखने की इच्छा का या तो लिखित रूप में या मौखिक रूप से संवाद देना होगा।
फिर भी, प्रस्ताव का लिखित होना बेहतर है, क्योंकि यदि आपका नियोक्ता भविष्य में इससे इनकार करता है तो यह साबित करना आसान है कि वास्तव में प्रस्ताव दिया गया था।
नौकरी में भूमिका और नौकरी की शर्तें
- आपको दिया गया प्रस्ताव एक विशिष्ट पद या भूमिका के लिए होना चाहिए। यदि प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है, तो वे जिस नौकरी के लिए आपको रखना चाहते हैं, उसकी भूमिका किस तरह की है उसे स्पष्ट करें। एक बार जब आप इसे स्वीकार कर लेंगे और लिखित अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देंगे, तो नौकरी से बाहर निकलना मुश्किल होगा।
- सुनिश्चित कर लें कि आपकी नौकरी में भूमिका, प्रति वर्ष प्रति वर्ष कंपनी द्वारा वहन किए गए खर्चे (सी.टी.सी), लाभ, मासिक वेतन आदि दिए गए हैं। प्रस्ताव स्वीकार करने से पहले नौकरी के विवरण को लेकर कोई भी संदेह हो तो अपनी सभी शंकाओं को दूर करें।
वेतन और अन्य लाभ
आपका वेतन आपके रोजगार के प्रकार या प्रकृति से निर्धारित होगा। वेतन की गणना उस नौकरी-विशेष के बाज़ार दर, पिछले कार्य के अनुभव और आपके तोल-मोल करने के कौशल के आधार पर की जाती है। उस संस्था के लिए आप अपने कौशल के रूप में, जो लाभ प्रदान करने वाले हैं, उसका स्पष्ट रूप से संवाद करके और उद्योग की दरों के अनुसार वेतन के बारे में अपने स्वयं के बाज़ार संबंधी रिसर्च का उपयोग करके अपनी वेतन पर मोल-भाव कर सकते हैं। यदि आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो आपका कुल वेतन विभिन्न मदों जैसे, मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डी.ए), भविष्य निधि कटौती, मकान किराया भत्ता (एच.आर.ए) आदि में विभक्त होगा। हालाँकि, यदि आप कर्मचारी नहीं हैं, तो आपको आपकी पूरी वेतन राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसे ‘प्रतिधारण शुल्क’ कहा जाएगा।
नौकरी का प्रस्ताव आपको संप्रेषित कर दिए जाने के बाद, अपनी परिस्थितियों के आधार पर, आप हमेशा अतिरिक्त लाभ, उच्च वेतन या बेहतर पद के लिए बातचीत कर सकते हैं। ऐसी बातचीत पर आपका नियोक्ता विचार कर भी सकता है या नहीं भी कर सकता है, इस स्थिति में प्रस्ताव स्वीकार या अस्वीकार करना आप पर निर्भर है।
प्रस्ताव का समय पर जवाब
आपके नौकरी के प्रस्ताव में एक समय अवधि निर्दिष्ट हो सकती है जिसके भीतर आपको जवाब देना होगा और यदि आप दिए गए समय में जवाब नहीं देते हैं, तो नौकरी का प्रस्ताव हाथ से निकल जाएगा।
यदि कोई समय अवधि निर्दिष्ट नहीं है, तो आपको उचित समय के भीतर नियोक्ता को, नौकरी के प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करते हुए, जवाब देना चाहिए।
जब बाल कलाकारों को काम के लिए नियुक्त किया जा रहा है, तो नियोक्ता पर यह दायित्व है कि वह बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 में दिए गए फॉर्म सी को भरें। फॉर्म सी भरकर निम्नलिखित तरीके से नियोक्ता को जिम्मेदारी लेने का वादा करना होगा :
- बच्चे की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
- जिन बाल कलाकारों को काम पर रखा गया है, उनकी सुरक्षा और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और देखभाल का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।
- नियोक्ता को बाल श्रम कानून के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
नियोक्ता को बच्चे की देखरेख करनी चाहिए ताकि उसके साथ कोई यौन अपराध न हो।
अनुमति के लिए आवेदन
आपको बच्चे से काम कराने की अनुमति के लिए जिला मजिस्ट्रेट (जिस जिले में गतिविधि हो रही है) से अंडरटेकिंग लेना होता है। माता-पिता या अभिभावक को भी बच्चे द्वारा कराए जा रहे काम के लिए स्वीकृति देनी होती है। अंडरटेकिंग में निम्नलिखित बातें होनी चाहिए:
- बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सुविधाएं।
- बच्चे का पौष्टिक आहार।
- बच्चे के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जगह की व्यवस्था करना।
- बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा का अधिकार और यौन अपराधों के खिलाफ सुरक्षा के लिए सभी कानूनों का अनुपालन।
काम करने के घंटे
नियोक्ता को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना होगा:
- बच्चे को एक दिन में पांच घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
- बच्चे से बिना आराम के तीन घंटे से अधिक समय तक काम नहीं कराया जा सकता।
- बच्चे से 27 से अधिक दिनों तक लगातार काम नहीं कराया जा सकता।
बाल कलाकारों को काम देते समय जिम्मेदारियां
जब बाल कलाकारों को नियोजित करने की बात आती है, तो नियोक्ता की जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:
शिक्षा
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक कलाकार के रूप में काम करते हुए बच्चे को उचित शिक्षा दी जाए। अधिनियम में विशेष रूप से कहा गया है कि सभी उपाय किए जाने चाहिए ताकि बच्चा स्कूल जाना बंद न करे।
आय
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक कलाकार के रूप में बच्चे द्वारा कमाया गए पैसे का 20% राष्ट्रीय बैंक के निश्चित खाते में जमा किया जाना चाहिए और एक बार जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाता है, तो वह पैसे को निकाल सकता है।
सहमति
सबसे महत्वपूर्ण मानदंड यह है कि यदि कोई बच्चा असहज है और किसी गतिविधि या खेल में भाग नहीं लेना चाहता है, तो बच्चे को उसकी इच्छा और सहमति के खिलाफ वह काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
अगर कोई कहता है कि आपने उनको यौन उत्पीड़ित किया है तो आप उसे गंभीरता से ले। यदि आपका नियोक्ता (इंप्लॉयर) आपके खिलाफ किसी यौन उत्पीड़न की सुनवाई कर रहा है, और आप लगातार तीन बार ग़ैरहाज़िर रहते हैं, तो फैसला सुनाये जाने के बाद ही आपको अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा। सिर्फ महिलाएँ ही अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संरक्षित है, लेकिन यौन उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति महिला या पुरूष, कोई भी हो सकता है।
आरोपी के अधिकार
- वारंट के बिना आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
- आपका यह अधिकार है कि शिकायत दर्ज होने के 7 दिन के अंदर शिकायत की एक प्रतिलिपि आपको मिल जाये।
- आपको आरोप का जवाब देने का अधिकार है। आरोप लगाने वाले व्यक्ति से दस्तावेज मिलने के 10 कार्यदिवस के अंदर आप अपने दस्तावेजों और गवाहों की सूची सौंप सकते हैं।
- आपको वकील नियुक्त करने का अधिकार है, लेकिन वह तब ही उपयोगी है जब आप ‘शिकायत समिति’ से बात करते हैं।
- आपको समिति द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ अपील करने का अधिकार है।
अगर ‘आंतरिक शिकायत समिति’ (इंटरनल कमप्लेन कमिटी) जाँच के दौरान यह तय करती है कि आपके खिलाफ यौन उत्पीड़न का दावा सच नहीं है तो आपको दंड नहीं दिया जाएगा। लेकिन, अगर वे इस दावे सही मानते हैं तो समिति आपके नियोक्ता (इंप्लॉयर) या जिला अधिकारी को, दंड के कुछ ऐसे विकल्प दे सकती है जिससे आपको दंडित किया जाय।
फार्मासिस्ट एक ऐसा व्यक्ति है, जो दवाओं को तैयार करने, उन्हें मॉनिटर करने और उसे बेचने के लिए प्रशिक्षित होता है। कानून के तहत, एक पंजीकृत फार्मासिस्ट वह व्यक्ति है, जिसका नाम राज्य के रजिस्टर में दर्ज किया रहता है, जहां वे रहते हैं, फार्मेसी का पेशा करते हैं, या फार्मेसी का व्यवसाय करते हैं।
रजिस्टर में पंजीकृत व्यक्ति का पूरा नाम और पता, रजिस्टर में उनके पहले प्रवेश की तारीख, पंजीकरण होने के लिए उनकी योग्यताएं, पेशे का पता, उनके नियोक्ता का नाम, आदि शामिल रहता है।
फार्मासिस्ट के लिए आवश्यक योग्यताएं
फार्मासिस्ट की योग्यताएं, विभिन्न राज्यों अनुसार अलग-अलग होती है। प्रत्येक राज्य की राज्य फार्मेसी काउंसिल ने फार्मासिस्ट के रूप में एक व्यक्ति को पंजीकृत होने के लिए कुछ योग्यताएं निर्धारित की हैं। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया इस तरह की योग्यताएं को मंजूरी देता है।
शिक्षा / डिग्री
पहली बार फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकरण करने के लिए व्यक्ति उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवश्यक शुल्क का भुगतान करने के बाद, व्यक्ति का नाम उस राज्य के रजिस्टर में जोड़ा जाएगा जहां वे रहते हैं, या फार्मेसी का व्यवसाय / पेशा करते हैं, और अगर उनके पास निम्नलिखित योग्यताएं हैं:
- फार्मेसी या फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में डिग्री या डिप्लोमा, या केमिस्ट और ड्रगिस्ट डिप्लोमा ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी या राज्य सरकार, या भारत के बाहर किसी प्राधिकरण द्वारा निर्धारित योग्यताएं; या
- फार्मेसी या फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में डिग्री के अलावा किसी भारतीय विश्वविद्यालय की डिग्री। इसके अलावा, उस व्यक्ति को अस्पताल, औषधालय, या किसी अन्य स्थान पर दवाओं के बारे में कम से कम 3 साल तक का अनुभव हो, जहां चिकित्सकों के प्रेसक्रिप्शन के आधार पर दवाओं का नियमित रूप से वितरण किया जाता हो; या
- कंपाउंडरों या डिस्पेंसरों के लिए राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हों; या
- अस्पताल, औषधालय या किसी अन्य स्थान पर दवाओं के बारे में कम से कम 5 साल तक का अनुभव हो, जहां चिकित्सकों के प्रेसक्रिप्शन के आधार पर दवाओं का नियमित रूप से वितरण किया जाता हो। इस अवधि की गणना राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित पंजीकरण के आवेदन की तारीख से शुरू होती है।
अन्य योग्यताएं
उपरोक्त योग्यता के अलावा, एक व्यक्ति फार्मासिस्ट के रूप में, बाद के पंजीकरण के लिए पात्र होगा, यदि वह निम्नलिखित योग्यताएं पूरा कर पाता है:
- यदि वह दूसरे राज्य का पंजीकृत फार्मासिस्ट है।
- भारतीय नागरिकों को फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकरण के योग्य बनाने के संबंध में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया भारत के बाहर किसी भी प्राधिकरण द्वारा दी गई योग्यता को मंजूरी दे सकती है। योग्यता के न्यूनतम स्तर और ज्ञान की गारंटी मिलने के बाद ही परिषद आवेदन को मंजूरी देती है। हालांकि, गैर-नागरिक भी पंजीकरण के लिए क्वालिफाई कर सकते हैं यदि वे उन देशों से आते हैं, जहां भारतीय मूल के व्यक्ति (जिनके पास आवश्यक योग्यताएं हैं) फार्मेसी का अभ्यास करते हैं। यहां, रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करने के लिए, व्यक्ति को मैट्रिक परीक्षा या किसी अन्य समकक्ष परीक्षा में उत्तीर्ण रहना चाहिए।
बाल श्रम को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है।
- बच्चे की शिक्षा का अधिकार तब भी लागू होता है, जब बच्चा या किशोर कलाकार के रूप में या परिवार के व्यवसाय में काम कर रहा हो।
- जब बच्चा पारिवारिक व्यवसाय में काम कर रहा है और यदि बच्चा 30 दिनों से स्कूल नहीं आ रहा है, तो स्कूल के प्रिंसिपल या हेडमास्टर को किसी भी बच्चे की अनुपस्थिति की सूचना इंस्पेक्टर या पुलिस अधिकारी को देनी होगी।
इसके अलावा, यदि स्कूल के सदस्यों को पता चलता है कि बच्चा या किशोर किसी गैरकानूनी काम में लगा हुआ है, तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए।
ग्राहकों की मदद करते समय, फार्मासिस्टों के कुछ कर्तव्य हैं:
- एक फार्मासिस्ट हर उस व्यक्ति को अटेंड करने के लिए बाध्य नहीं है, जो उनकी सेवाओं की मांग करते हैं। हालांकि, एक फार्मासिस्ट को हमेशा बीमारों और घायलों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।
- फार्मासिस्टों को हमेशा अपने मरीजों की गोपनीयता बनाए रखनी चाहिए। उदाहरण के लिए, एक फार्मासिस्ट को मेडिकल अटेंडेंस के दौरान देखे गए रोगियों के किसी भी मामलों या दोषों को प्रकट नहीं करना चाहिए। हालांकि, अगर राज्य के कानून के अनुसार ऐसी जानकारियां देना फार्मासिस्ट के लिए आवश्यक है, तो वे ऐसा कर सकते हैं। फार्मासिस्ट इस तरह की जानकारियां भी दे सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि यह किसी स्वस्थ तीसरे पक्ष को मलेरिया, कोविड-19 आदि जैसे संक्रामक रोग से बचाएगा।
- रोग का निदान करते समय, फार्मासिस्ट को रोगी की स्थिति की गंभीरता को न तो कम, ना ही ज्यादा करके बतानी चाहिए। इसके अलावा, फार्मासिस्टों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोगी, रोगी के परिवार और करीबी दोस्तों को रोगी की स्थिति का सही ज्ञान हो, ताकि यह रोगी और रोगी के परिवार के सर्वोत्तम हितों में सहायक हो।
- आपातकालीन स्थिति में फार्मासिस्ट को उनकी सहायता के लिए किसी भी अनुरोध का जवाब तुरत देना चाहिए। उन्हें जानबूझकर वैसी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, जो रोगी को आवश्यक चिकित्सा देखभाल से वंचित कर दे।
फार्मासिस्टों द्वारा रोगी के लिए परामर्श
डॉक्टर द्वारा दी गई दवा का पर्चा प्राप्त करने के बाद, और रोगी के रिकॉर्ड की समीक्षा करने के बाद, एक पंजीकृत फार्मासिस्ट को उन मामलों की व्यक्तिगत रूप से चर्चा शुरू करनी चाहिए, जो दवा चिकित्सा या रोगी की देखभाल के लिए अनुकूलन रहेंगे। फार्मासिस्ट चर्चा को व्यक्तिगत रूप से, या टेलीफोन आदि द्वारा संचालित कर सकता है।
रोगी को परामर्श देते वक्त चर्चा में उपयुक्त चीजें शामिल होनी चाहिए। इसमें निम्नलिखित बातें शामिल हो सकती हैं:
- दवाओं का नाम और विवरण
- दवा, दवा की मात्रा, दवा को कैसे लेना है और दवा लेने की अवधि
- दवा के लिए विशेष निर्देश और सावधानियां
- आम दुष्प्रभाव, प्रतिकूल प्रभाव आदि, जिनका सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उनका परहेज़ भी शामिल है, और अगर ऐसा होता है तो इसके प्रति ज़रूरी कार्रवाई करना।
- दवा लेते वक्त खुद को मॉनिटर करने की तकनीक
- दवाओं का उचित भंडारण
रोगी या उनके एजेंट हमेशा इस तरह के परामर्श से इनकार कर सकते हैं।
परामर्श के दौरान फार्मेसियों की भूमिका
फार्मासिस्ट को रोगी को दी जाने वाली दवाओं का रिकॉर्ड रखना होता है। इसके अलावा, रोगी परामर्श प्रदान करने वाले फार्मेसियों को ध्यान में रखना होगा कि:
- केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
- गोपनीय रूप से चर्चा के लिए सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, और रोगी की गोपनीयता को बनाए रखा जाना चाहिए।
- इसके लिए उचित डॉक्यूमेंटेशन आवश्यक है।
- परामर्श, रोगी के भले के लिए होना चाहिए। प्रत्येक परामर्श में, रोगी का लाभ सबसे ज्यादा महत्व रखता है। मामले में लगे सभी पंजीकृत फार्मासिस्ट को रोगी और उसके परिचारकों के साथ फ्रैंक होना चाहिए।
- काउंसलिंग के दौरान समय की पाबंदी बनाई रखनी चाहिए।
हालांकि, यह याद रखें कि कानून फार्मासिस्टों को रोगों का निदान करने और रोगियों को दवाएं लिखने के लिए फार्मा क्लीनिक खोलने की अधिकार नहीं देता है।
यदि इन कर्तव्यों को पूरा नहीं किया जाता है और आप ग्राहक / रोगी के रूप में समस्याओं का सामना करते हैं, तो आप फार्मासिस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
बातचीत के बाद ही स्वीकृति
सुनिश्चित करें कि आपने उस प्रस्ताव में किसी भी बदलाव के लिए अपनी सभी बातचीत पूरी कर ली है और उसके बाद ही नौकरी स्वीकार करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक बार जब आप प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं, तो आपका नियोक्ता यह सोचेगा कि आप बिना किसी समस्या के प्रस्ताव की सभी शर्तों को स्वीकार कर रहे हैं।
स्वीकृति पत्र लिखना
अपने नियोक्ता द्वारा दिए गए नौकरी के प्रस्ताव को या तो ईमेल द्वारा स्वीकार करें या अपने नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करें।
इस तरह से नियोक्ता का भविष्य में आपकी नियुक्ति पर विवाद करना और उससे पीछे हटना कठिन होगा।
स्वीकृति की समय सीमा
कुछ मामलों में, आपका नियोक्ता आपको निश्चित तिथि से पहले ईमेल द्वारा नौकरी के प्रस्ताव की स्वीकृति देने के लिए कह सकता है, उदाहरण के लिए, महीने की 10वीं तारीख या सप्ताह के अंत तक। यह जरूरी है कि आप इस समय अवधि के भीतर नौकरी के प्रस्ताव का जवाब दें अन्यथा यह प्रस्ताव हाथ से निकल जाएगा और नियोक्ता किसी और को उस पद का प्रस्ताव दे सकता है। आप इस पर शिकायत भी नहीं कर सकते हैं।
यदि आपका नियोक्ता नौकरी के प्रस्ताव का जवाब देने का कोई समय या तरीका नहीं बताता है, तो:
- संप्रेषण के उस तरीके का उपयोग करें जिससे देरी न हो।
- उचित समय के भीतर उत्तर दें अन्यथा नौकरी का प्रस्ताव चला भी जा सकता है।
यदि आप नौकरी के प्रस्ताव को अस्वीकार करने का निर्णय लेते हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि आप इसे अपने नियोक्ता को लिखित रूप में या बोल कर ठीक से बता रहें हैं।
अगर आप यौन उत्पीड़न की शिकार हैं तो आप आपने काम के वातावरण को सुरक्षित/अनुकुल बनाने के लिए ‘शिकायत समिति’ को लिखकर निम्नलिखित उपायों की यह मांग कर सकते हैं:
- उस व्यक्ति को, जिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है, आपके काम पर टिप्पणी (रिपोर्टिंग) करने से रोका जाय, और/ या किसी और को यह काम करने के लिये चुना जाय।
- यदि यौन उत्पीड़न की घटना एक अकादमिक वातावरण (शिक्षण संस्थान) में हुई तो आरोपित व्तक्ति को पर्यवेक्षण (सुपरवाइज़िंग) कार्य से हटा दिया जाय।
फार्मासिस्टों के लिए कुछ नैतिक आचरणों में निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं:
फार्मासिस्टों द्वारा ड्रग्स / दवाओं का प्रबंधन
फार्मासिस्टों को स्केल और सही तरीकों की मदद से सभी सामग्रियों को वजन और सही अनुपात में मापकर उचित ढंग से निकालने के लिए सभी संभव देखभाल करनी चाहिए (दृश्य अनुमानों से बचा जाना चाहिए)। इसके अलावा, एक फार्मासिस्ट को हमेशा मानक गुणवत्ता की दवाओं और औषधि मिश्रण का उपयोग करना चाहिए, और कभी भी मिश्रणों में मिलावट नहीं करनी चाहिए। एक फार्मासिस्ट को जहरीली दवाओं और औषधीय मिश्रण या नशे की लत और ऐसे ही अन्य में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के प्रबंधन में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
ड्रग्स / दवाइयों की हॉकिंग
दवाओं की हॉकिंग करने पर मनाही है। इसलिए, फार्मासिस्ट उत्पादों को घर-घर जाकर नहीं बेच सकते हैं। फार्मासिस्ट खुद-बखुद दवाइयों को न बेच सकें इसलिए किसी विशेषज्ञ पर्यवेक्षण के बिना, फार्मासिस्ट, दवाओं का वितरण नहीं कर सकते हैं।
उचित ट्रेड अभ्यास
कड़ी प्रतियोगिता के तहत, एक अन्य दवा प्रतिष्ठान के व्यवसाय पर कब्जा करने के उद्देश्य से फार्मासिस्टों के बीच ऐसे कृत्यों की मनाही है, जिससे दूसरे फार्मासिस्ट को नुकसान पहुंचता हो। कड़ी प्रतियोगिता में शामिल हैं:
- ग्राहकों को किसी भी प्रकार के पुरस्कार, उपहार या किसी भी प्रकार की खरीद की पेशकश करना
- साथी फार्मासिस्ट द्वारा वसूले गए उचित मूल्यों की तुलना में, मेडिकल वस्तुओं के लिए कम कीमत वसूलना।
यदि किसी विशेष डिस्पेंसरी द्वारा सेवा दिए जाने के बावजूद अगर प्रिसक्रिप्शन या आदेश किसी अन्य डिस्पेंसरी में गलती से चला जाता है, तो बाद वाले को इसे स्वीकार करने से इनकार कर देना चाहिए और ग्राहक को सही जगह पर भेजना चाहिए। लेबल, ट्रेडमार्क और अन्य संकेतों और अन्य दवा प्रतिष्ठानों के प्रतीकों की नकल करना भी गैर-कानूनी है।
विज्ञापन और प्रदर्शन
जनता को दवाइयां बेचने के संबंध में, एक फार्मासिस्ट को ऐसे डिस्प्ले का उपयोग नहीं करना चाहिए जो
अनिच्छुक हैं, या जिनमें निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:
- कोई भी शब्द, डिजाइन या चित्रण जो फार्मासिस्ट या किसी व्यक्ति के प्रति गलत बातें प्रस्तुत करता हो।
- अन्य आपूर्तिकर्ताओं, उत्पादों, उपचारों के लिए कोई अपमानजनक संदर्भ। भले ही इसमें टिप्पणियां प्रत्यक्ष या निहित हों, इसकी अनुमति नहीं है।
- भ्रामक या अतिरंजित बयान या दावे।
- बीमारी या स्वास्थ्य के लक्षणों के संदर्भ में “इलाज” शब्द का इस्तेमाल।
- चिकित्सीय प्रभाव की गारंटी
- विज्ञापनों के माध्यम से भय बढ़ाने का प्रयास।
- ग्राहक द्वारा भुगतान किए गए धन को वापस करने का प्रस्ताव
- पुरस्कार, प्रतियोगिता या समान योजनाएं।
- दवाइयों या मिश्रणों को देते वक्त ऐसे किसी चिकित्सक या अस्पताल, या “डॉक्टर” या “डॉ. ” या “नर्स” शब्दों का इस्तेमाल करना, जो वैध नहीं हैं।
- यौन कमजोरी, समय से पहले बुढ़ापा या पौरुष की कमी का संदर्भ।
- यौन प्रकृति की शिकायतों का संदर्भ।
यदि कोई फार्मेसी जानती है, या जान सकती है कि कोई मिश्रण ऐसे साधनों द्वारा विज्ञापित किया जाता है, जिसमें ऐसे मिश्रणों को फार्मेसी में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
आपकी नियुक्ति से पहले, यह जांचने के लिए कि आप नौकरी के लिए योग्य हैं या नहीं, नियोक्ता आपसे कुछ दस्तावेज़ जमा करने के लिए कह सकते हैं । उनमें से कुछ हैं:
पुराने नियोक्ता के दस्तावेज़
विमुक्ति पत्र (यदि लागू हो)
आपका नियोक्ता आपसे अपने पिछले नियोक्ता का एक हस्ताक्षरित दस्तावेज़ लाने के लिए बोल सकता है जिसमें यह कहा गया हो कि अब आप उनके साथ नहीं जुड़े हैं। किसी नए कर्मचारी द्वारा पिछले नियोक्ता के साथ समझौते को समाप्त नहीं किए होने की स्थिति में यह नियोक्ता को विवादों से बचाता है।
कार्य संदर्भ
आपका भावी नियोक्ता आपको साक्षात्कार के चरण से पहले या नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद कार्य संदर्भ मांग सकता है। आमतौर पर कार्य संदर्भ आपके पूर्व-नियोक्ता का एक संपर्क का जरिया होता है, जो काम के दौरान आपके काम की गुणवत्ता और आपके चरित्र की पुष्टि और व्याख्या कर सकता है। नियोक्ता इसे संदर्भ पत्र के रूप में मांग सकते है या वे सीधे संदर्भित से संपर्क कर सकते हैं।
पे स्लिप
नई नौकरी में आपका वेतन निर्धारित करने के लिए कुछ नियोक्ता पिछले नियोक्ता द्वारा दी गई पे स्लिप की एक प्रति मांगते हैं, इसकी दोहरी जांच करने के लिए कि आप अपने पिछले कार्यालय में कितना कमा रहे थे।
बायोडाटा और अन्य दस्तावेज़
बायोडाटा/सी.वी
आपका नियोक्ता आपके समस्त कार्य अनुभव और शिक्षा के सभी विवरणों के साथ आपका नवीनतम बायोडाटा या आत्म परिचय मांगेगा।
शैक्षिक प्रमाणन/दस्तावेज़
एच.आर उद्देश्यों और कर्मचारियों के दस्तावेजीकरण के लिए, कुछ नियोक्ता आपसे शिक्षा का प्रमाण जैसे स्कूल का प्रमाण पत्र, कॉलेज का स्नातक प्रमाण पत्र, उच्च अध्ययन का प्रमाण पत्र आदि मांग सकते हैं।
पहचान प्रमाण दस्तावेज़
सरकार-अधिकृत पहचान प्रमाण
अधिकांश नियोक्ता आपकी पहचान की आश्वस्ती और दस्तावेजीकरण के उद्देश्यों से आपसे पासपोर्ट-आकार की तस्वीरें और आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि जैसे पहचान प्रमाण की एक प्रति मांगते हैं।
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
कभी-कभी नियोक्ता पिछले या मौजूदा आपराधिक रिकॉर्ड की जांच के लिए कर्मचारियों को पुलिस सत्यापन कराने के लिए कह सकते हैं। दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में यह प्रावधान ऑनलाइन होता है। अन्यथा, यदि आपका नियोक्ता आपकी मदद नहीं करता है, तो आपको स्वयं पुलिस थाने जाना होगा और पुलिस अधिकारी से पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र के लिए अनुरोध करना तथा इसे अपने नियोक्ता को प्रस्तुत करना पड़ सकता है।
वेतन खाते के लिए दस्तावेज़
बैंक का विवरण
आपका नियोक्ता या तो आपके बैंक का विवरण मांगेगा या आपका एक नया बैंक खाता शुरू करवाएगा, ताकि वे आपका वेतन उस खाते में स्थानांतरित कर सकें।