घरेलू हिंसा के खिलाफ सहायता और समर्थन प्राप्त करने में

घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करते समय, आपको अतिरिक्त सहायता और समर्थन की आवश्यकता हो सकती है, जिसे आप नीचे सूचीबद्ध किए गए अधिकारियों से संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं।

समर्थन और सहायता

प्रोटेक्शन ऑफिसर

आप अपने जिले के प्रोटेक्शन ऑफिसर से भी संपर्क कर सकते हैं, जो आपको मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने में, आपको आश्रय गृह उपलब्ध कराने में सहयोग प्रदान करते हैं, यदि आवश्यक हो, तो आपको उचित सेवा प्रदाताओं आदि के पास भेजते हैं।

एन.जी.ओ, सिविल सोसाइटी संगठन, सेवा प्रदाता

आप एन.जी.ओ, सिविल सोसाइटी संगठनों या सेवा प्रदाताओं से संपर्क कर सकते हैं जो आपकी सहायता कर सकते हैं और आपको सहायता प्रदान कर सकते हैं, जैसे कानूनी सहायता प्रदान करना, आपको अपने अधिकारों के बारे में जागरूक कराना, संबंधित प्रोटेक्शन ऑफिसर से संपर्क कराना, आदि। संगठन के आधार पर, वे आपको आश्रय, रोजगार के अवसर और व्यावसायिक प्रशिक्षण, परामर्श आदि भी प्रदान कर सकते हैं। आपके द्वारा संपर्क किए गए संगठन के प्रकार पर निर्भर करते हुए, ये सेवाएं नि:शुल्क होंगी।

सेवा प्रदाताओं के पास स्वयं एक घरेलू घटना की रिपोर्ट रिकॉर्ड करने और संबंधित न्यायालय या प्रोटेक्शन ऑफिसर को आगे भेजने की भी शक्ति होती है। वे मेडिकल चेकअप कराने में भी आपकी सहायता कर सकते हैं, खासकर जब आप घायल हों और संबंधित प्रोटेक्शन ऑफिसर या पुलिस स्टेशन को मेडिकल रिपोर्ट भेजते हैं।

कानूनी सहायता

वकील प्राप्त करना

आपके पास वकील के पास जाने का विकल्प है जो शिकायत दर्ज कराने में मार्गदर्शन करने से लेकर आपको अदालत तक पहुंचाने में आपकी सहायता कर सके। यदि आप वकील का खर्च वहन नहीं कर सकते, तो आप निःशुल्क कानूनी सहायता के लिए अपने जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं। निःशुल्क कानूनी सहायता हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया को समझने के लिए यहां देखें। इसका पता कैसे लगाना है इसे लेकर यदि आप अनिश्चित हैं, तो आप प्रोटेक्शन ऑफिसर, एन.जी.ओ, सेवा प्रदाताओं आदि से सहायता करने को कह सकते हैं।

घरेलू हिंसा के लिए तत्काल सुरक्षा

घरेलू हिंसा से तत्काल सुरक्षा प्राप्त करने के लिए, आपको प्रोटेक्शन ऑफिसर या वकील की सहायता से अदालत में एक आवेदन दर्ज करवाना चाहिए। अदालत आपको और आपके बच्चे/बच्चों को उत्पीड़क से सुरक्षा देने के लिए एक सुरक्षा आदेश पारित करेगा। अदालत द्वारा पारित आदेश अस्थायी, लेकिन एक निश्चित अवधि के लिए होगा1) जब तक कि अदालत को यह नहीं लगता कि परिस्थितियों में बदलाव के कारण इस तरह के आदेश की आवश्यकता नहीं है। यदि आपको इसकी आवश्यकता है तो आप आदेश की अवधि बढ़ाने के लिए अपने वकील की मदद ले सकती हैं। सुरक्षा आदेश आपकी सहायता करेगा 2):

 

घरेलू हिंसा के कृत्यों को रोकने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह किसी भी रूप में घरेलू हिंसा करने या कराने में मदद न करे।
  • वह दोस्तों, रिश्तेदारों या कोई भी ऐसा व्यक्ति जो हिंसा करने में आपका समर्थन कर रहा है उसके साथ हिंसा न करे।

 

किसी भी गड़बड़ी या उत्पीड़न को रोकने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह आपके कार्यस्थल या निवास सहित किसी भी स्थान पर आपको परेशान/उत्पीड़ित न करे।
  • वह आपके बच्चे/बच्चों को स्कूल या किसी अन्य स्थान पर जहाँ वे जाते हैं, परेशान न करे।3)
  • वह आपको व्यक्तिगत रूप से या ईमेल, टेलीफोन, ऑनलाइन, आदि के माध्यम से संपर्क न करे।

 

अपने वित्त और संपत्ति की रक्षा करने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह आपकी सहमति के बिना आपकी संपत्ति, शादी के तोहफे, स्त्रीधन आदि को बेचने या देने न दे।
  • वह किसी एकल/संयुक्त बैंक खाते का संचालन करने या आपकी सहमति के बिना और न्यायालय को बताए बिना एकल/संयुक्त बैंक लॉकर का उपयोग न करे।

 

उत्पीड़क के व्यवहार को नियंत्रित करने में

उत्पीड़क को यह आदेश दिया जाएगा कि:

  • वह किसी भी फायरआर्म(आग्नेयास्त्र), हथियार या अन्य खतरनाक पदार्थों का उपयोग न करे जिनका उपयोग आपको चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। उत्पीड़क को इसे सीधे न्यायालय में देने के लिए कहा जा सकता है।4)
  • वह किसी भी शराब, नशीले पदार्थों या ऐसे पदार्थों का सेवन न करे जिससे नशा हो सकता है, जिससे घरेलू हिंसा होती है। 5)

यदि उत्पीड़क आदेश देने के बाद भी आपको परेशान कर रहा है, तो आप 6) अपने वकील को अदालत को सूचित करने को कह सकती हैं। अदालत उत्पीड़क को एक वर्ष की जेल या 20,000 रुपये के जुर्माने से दंडित करेगी।

घरेलू हिंसा के लिए परामर्श

परामर्श किसी सलाहकार से पेशेवर मार्गदर्शन के प्रावधान की ओर इशारा करता है, जो आपके द्वारा झेली गई घरेलू हिंसा के मामले को निपटाने में, इस बात की गारंटी दिलाने में कि हिंसा दोहराई नहीं जाएगी, आपकी और आपके उत्पीड़क की मदद करेगा, और घरेलू हिंसा की समस्या का सर्वोत्तम संभव समाधान लेकर आएगा। अदालत या तो उत्पीड़क को या आपको, या तो अकेले या एक साथ, किसी सेवा प्रदाता या कोर्ट द्वारा नियुक्त काउंसलर(परामर्शदाता) से परामर्श करने का आदेश पारित कर सकती है।

 

काउंसलर(परामर्शदाता) नहीं हो सकता हैः

  • कोई ऐसा व्यक्ति जो इस केस से जुड़ा हो, या कोई ऐसा व्यक्ति जो आपका या आपके उत्पीड़क का संबंधी हो जब तक कि आप और उत्पीड़क दोनों ही इसके लिए अपनी सहमति न दे दें1)
  • कोई ऐसा वकील जो इस मामले में उत्पीड़क की ओर से पेश हो चुका है।

 

यदि आप काउंसलर(परामर्शदाता) से किसी कारणवश संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अपने वकील से इस बारे में कोर्ट को बताने के लिए कह सकते हैं जो इस मामले को देखेगा।

 

काउंसलर(परामर्शदाता) की भूमिका

काउंसलर(परामर्शदाता) की भूमिका है कि वहः

  • किसी ऐसी जगह पर आपके साथ अकेले या उत्पीड़क के साथ एक मीटिंग तय करे जो आपके और आपके उत्पीड़क के लिए सुविधाजनक हो2)
  • काउंसलर(परामर्शदाता) को परामर्श देने की कार्यवाहियां इस बात को सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से पूरी करनी पड़ेंगी कि घरेलू हिंसा दोहराई न जाए। काउंसलर(परामर्शदाता) उत्पीड़क से यह कहते हुए एक वचन3) ले सकता है कि वहः
  • आगे कोई घरेलू हिंसा नहीं करेगा।
  • पत्र, टेलीफोन, इलेक्ट्रॉनिक मेल के माध्यम से या जज द्वारा अनुमत तरीके से काउंसलर(परामर्शदाता) की मौजूदगी के अलावा किसी और माध्यम से मिलने या बातचीत करने की कोशिश नहीं करेगा।
  • यदि आप फैसला करते हैं कि आप मामले को निपटाना और केस को खत्म करना चाहते हैं, तो आप काउंसलर(परामर्शदाता) से कह सकते हैं, जो इसमें सम्मिलित हर एक के लिए सर्वोत्तम संभव समाधान पेश करने की कोशिश करेगा।

 

परामर्श देने की प्रक्रिया में, उत्पीड़क को इस बात की अनुमति नहीं है कि वह आपको घरेलू हिंसा का शिकार बनाने के लिए किसी कारण का औचित्य पेश करे। परामर्श की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, काउंसलर(परामर्शदाता) को जितना जल्दी हो सके कोर्ट में परामर्श की बैठक (बैठकों) से संबंधित रिपोर्ट जमा करनी होती है ताकि कोर्ट आगे की कार्रवाई कर सके और, 2 महीने के भीतर, केस की सुनवाई के लिए तारीख तय कर सके। यदि निपटारा नहीं हो पाया है, तो काउंसलर(परामर्शदाता) को अदालत के समक्ष इसके कारण बताने होंगे।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए हेल्पलाइन

कई सरकारी हेल्पलाइन हैं, जो न केवल जानकारी देने में आपकी मदद करती हैं, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से भी आपकी मदद कर सकती हैं और आपको अधिकारियों के संपर्क में रख सकती हैं। निम्नलिखित सूची, भारत भर के राष्ट्रीय हेल्पलाइनों से संपर्क के लिये विस्तृत विवरण देती है, जो नीचे दी गई विभिन्न श्रेणियों के लिए हैं:

हिंसा और उत्पीड़न के लिए

यदि आपको किसी उत्पीड़न या हिंसा का सामना करना पड़ा है, और आप जानते हैं कि यह किस व्यक्ति ने किया है, तो आप निम्नलिखित हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं:

  • पुलिस

कोई भी व्यक्ति, अपने लिंग या यौन अभिविन्यास के परे, इस हेल्पलाइन पर कॉल कर सकता है। आप पुलिस से तत्काल मदद मांगने के लिए 100 नम्बर पर भी कॉल कर सकते हैं। आगे की सहायता के लिए, एक पुलिस इकाई, आपके निवास स्थान की पहचान करने के बाद, वहां भेजी जाएगी।

  • राष्ट्रीय महिला आयोग, पुलिस हेल्पलाइन

इस हेल्पलाइन पर आप कॉल तभी कर सकते हैं जब आप या तो महिला हों या ट्रांसवुमन (पारमहिला) हैं। यहां पर आप यौन अपराधों, घरेलू हिंसा आदि के अलावे किसी भी प्रकार की हिंसा के बारे में शिकायत कर सकते हैं। निम्नलिखित कदम हैं जो आपको उठाने चाहिए:

चरण 1: 1091 पर कॉल करें

चरण 2: आप पर किये गये अपराध का वर्णन विस्तार से करें

चरण 3: अपना ठिकाने का स्थान और संपर्क नंबर दें

पुलिस को आपके ठिकाने पर आपकी सहायता के लिए और उत्पीड़न को रोकने के लिए भेजा जाएगा। यदि आप एक ट्रांसवुमन (पारमहिला) हैं, तो किसी गैर सरकारी संगठन या वकील की सहायता लेना बेहतर होगा, ताकि प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराते समय पुलिस अधिकारी आपको परेशान न करें।

  • लापता व्यक्ति और अपहरण के मामले

पुलिस उपायुक्त (लापता व्यक्ति):

यह हेल्पलाइन, बिना किसी लिंग भेदभाव के, लापता व्यक्तियों को खोजने में मदद करती है। आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

चरण 1: 1094 पर कॉल करें।

चरण 2: वे लापता व्यक्ति का फोन नंबर मांगेंगे।

चरण 3: फोन नंबर की खोज ज़िपनेट (जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क) पर की जायेगी, जहां से वे लापता व्यक्ति के ठिकाने का पता लगाएंगे और वहां की पुलिस से संपर्क करेंगे।

चरण 4: यदि वे लापता व्यक्ति का पता नहीं लगा पाते हैं, तो वे ज़मीनी स्तर पर खोज जारी रखने के लिए पुलिस स्टेशन की मदद लेंगे।

LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए सहायता और समर्थन प्राप्त करना

आपके साथ हुई प्रताड़ना या हिंसा की शिकायत करते वक्त, आपको अपनी रक्षा के लिए सहायता और समर्थन प्राप्त करना ज़रूरी है। जिन लोगों से आप संपर्क कर सकते हैं उनमें से कुछ ये हैं:

कानूनी सहायता

आप किसी वकील से संपर्क करना चाहिये यदि आपको शिकायत प्रक्रियाओं से गुज़रना के लिये सहायता चाहिये, और यदि आपको न्यायालय जाना है। यदि आप वकील का खर्चा वहन नहीं कर सकते हैं, तो आप मुफ्त कानूनी सहायता के लिए अपने जिले में ‘जिला कानूनी (विधिक) सेवा प्राधिकरण’ से संपर्क कर सकते हैं।

यदि आप एक वकील नहीं ढूंढ पाते हैं, तो किसी गैर सरकारी संगठन से संपर्क करें जो प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने में आपकी मदद करेगें, और आपको वकीलों से संपर्क कराएंगे।

संरक्षण और आश्रय की मांग

आप LGBTQ+ अधिकारों के लिए काम करने वाले किसी भी गैर सरकारी संगठन, नागरिक समाज संगठन या संस्था से संपर्क कर सकते हैं। वे निम्नलिखित कार्यों में आपकी मदद कर सकते हैं:

  • यदि आप मुसीबत में हैं, या आपको तत्काल मदद की जरूरत है, तो ये आपकी सहायता करेंगे,
  • आपको आश्रय और रोजगार के अवसर प्रदान करने में, और आपके सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने में ये आपको सलाह देंगे,
  • पहचान दस्तावेज़ (आईडी प्रूफ) प्राप्त करने में ये मदद करेंगे।

आप अपने क्षेत्र / निर्वाचन क्षेत्र के विधायक / सांसद से संपर्क कर उनसे मदद की मांग कर सकते हैं। कई मामलों में, वे अधिकारियों को निर्देशित करेंगे कि वे उस क्षेत्र में आपकी मदद करें, जहां आपको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रोजगार- संबंधित सहायता

आपको कार्यालय में पंजीकृत ट्रेड यूनियन के पास जाना चाहिये। वे आपके कार्यस्थल पर आपकी शिकायतों के संबंध में आपकी मदद करेंगे।

आप उन गैर सरकारी संगठनों या संस्थाओं से भी संपर्क कर सकते हैं, जो LGBTQ+ के अधिकारों के क्षेत्र में काम करते हैं। वे आपको रोजगार के अवसर प्रदान करा सकते हैं, या आपको ऐसे लोगों के संपर्क करा सकते हैं, जो ऐसा काम करा सकते हैं।