छात्रों के अनेक कृत्यों को कानून के तहत रैगिंग माना जाता है। रैगिंग के रूप में माने जाने वाले कुछ कृत्य हैं-
मानसिक दुर्व्यवहार
किसी छात्र को मानसिक क्षति पहुंचाना कानून के तहत रैगिंग माना जाता है। इसमें ये ये शामिल हो सकते हैं-
- किसी छात्र द्वारा किया गया कोई भी आचरण, चाहे वह लिखित, मौखिक या व्यवहार-संबंधी हो, जो किसी दूसरे छात्र के साथ छेड़छाड़ या क्रूर व्यवहार करता हो। उदाहरण के लिए, किसी छात्र को अपमानजनक नामों से बुलाना।
- उपद्रवी या अनुशासनहीन व्यवहार जिसके कारण किसी भी छात्र को झुंझलाहट, कठिनाई या मानसिक नुकसान हो सकता है। इसमें ऐसे मानसिक नुकसानों, झुंझलाहट या कष्ट की आशंका या डर भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, एक छात्र की नोटबुक्स चोरी करना और फेंक देना।
- एक छात्र को एक ऐसा काम करने के लिए कहना, जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा, और जिसके कारण उसे शर्म, पीड़ा या शर्मिंदगी महसूस होती है, और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, भरी कक्षा में किसी छात्र से मजबूरन डांस करवाना।
- कोई भी काम जो एक छात्र के मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को प्रतिकूल प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, किसी छात्र से कक्षा के सामने मजबूरन डांस करवाना और उसके लिए उसकी खिल्ली उड़ाना।
- एक ऐसा कृत्य या दुर्व्यवहार, चाहे वह लिखित हो, मौखिक या ऑनलाइन (ईमेल, पोस्ट आदि), जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र असहज हो जाए। इसमें प्रताड़ित होने वाले छात्र की कीमत पर इस तरह के कृत्य में भागीदारी के द्वारा मजे लेना शामिल है। उदाहरण के लिए, किसी छात्र के बारे में ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अफवाहें फैलाना।
शैक्षणिक क्रियाकलाप में व्यवधान
रैगिंग किसी छात्र की पढ़ाई-लिखाई में खलल डाल सकती है। यदि कोई भी छात्र किसी अन्य छात्र की नियमित शैक्षणिक गतिविधि को रोकता या बाधित करता है, तो यह रैगिंग है। उदाहरण के लिए, यदि कोई वरिष्ठ छात्र किसी जूनियर छात्र को कक्षा में इतना परेशान करता है कि वह कक्षाओं में जाना बंद कर देता है, तो इसे रैगिंग माना जा सकता है।
किसी छात्र का उपयोग करना या उसका शोषण करना
रैगिंग दूसरे छात्र के शोषण का रूप ले सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र अपना होमवर्क किसी और छात्र से करवाता है, तो उसे रैगिंग माना जा सकता है। निम्नलिखित को रैगिंग के रूप में माना जाता है-
- किसी व्यक्ति / समूह को सौंपे गए शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने के लिए किसी भी छात्र का शोषण करना। उदाहरण के लिए, एक छात्र द्वारा कुछ अन्य छात्रों के होमवर्क असाइनमेंट करवाना।
- पैसे की जबरन वसूली या किसी भी छात्र से जबरन खर्च करवाना। उदाहरण के लिए, एक छात्र से दूसरे छात्र/छात्रों के खर्चों का भुगतान करवाना।
शारीरिक शोषण
रैगिंग शारीरिक शोषण और हिंसा का रूप ले सकती है। निम्नलिखित को रैगिंग के रूप में माना जाता है-
- उपद्रवी या अनुशासनहीन व्यवहार, जिसके कारण किसी भी छात्र को शारीरिक नुकसान होने की संभावना है, या कोई भी ऐसा काम जो किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाता है या पहुंचा सकता है या ऐसा डर पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र को पीटने की धमकी देना।
- किसी छात्र को एक ऐसा काम करने के लिए कहना, जो वह सामान्य रूप से नहीं करेगा, और जिसके कारण उसे शर्म, पीड़ा या शर्मिंदगी महसूस होती है, और उसके शारीरिक हाल-चाल पर बुरा असर पड़ता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र की पिटाई करना क्योंकि उसने किसी काम को करने के लिए वरिष्ठ के आदेशों का पालन नहीं किया था।
- मारपीट, कपड़े उतरवाने, जबरन अश्लील और भद्दी हरकतें या इशारे आदि समेत यौन शोषण। उदाहरण के लिए, एक महिला छात्रा को जबरन कपड़े उतारने के लिए कहना।
- कोई भी ऐसा काम जो किसी छात्र को शारीरिक नुकसान या किसी अन्य खतरे का कारण बनता है। मसलन, एक छात्र के भोजन में जुलाब डालना।
किसी अन्य छात्र के साथ भेदभाव करना
रैगिंग दूसरे छात्र के खिलाफ भेदभाव और पूर्वाग्रह का रूप ले सकती है। आपकी त्वचा, जाति, धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, यौनिक रुझान, रंग-रूप, राष्ट्रीयता, क्षेत्रीय मूल, भाषाई पहचान, जन्म स्थान, निवास स्थान या आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर किसी भी दुर्व्यवहार को रैगिंग के रूप में माना जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्रा को उसके क्षेत्रीय मूल के आधार पर लगातार छेड़ा जाता है और उसे अपशब्द कहे जाते हैं, या उसका उपहास किया जाता है क्योंकि वह अन्य छात्रों की तुलना में कमतर सामाजिक-आर्थिक स्तर से आती है, तो इसे रैगिंग माना जा सकता है।
रैगिंग के पीछे की मंशा कोई मायने नहीं रखती; भले ही यह मज़े के लिए किया गया हो, या खुशी हासिल करने के लिए, या अधिकार या श्रेष्ठता जतलाने के लिए-भारतीय कानून के तहत रैगिंग एक अपराध है।
यदि आपकी रैगिंग की जा रही है, तो आप कॉलेज के अधिकारियों या पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।
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