कानून के अनुसार, किसी भी डॉक्टर द्वारा अपने कर्तव्यों का उल्लंघन ‘दुराचार’ के रूप में माना जाता है, और इसके परिणामस्वरूप डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई की जा सकती है। इसके अलावा, कुछ अन्य कृत्य भी हैं, जो ‘दुराचार’ के तहत आते हैं, और इनके तहत भी शिकायत दर्ज की जा सकती है, जैसे:
अनुचित या कपटपूर्ण गतिविधियां
- मरीज के साथ व्यभिचार या अनुचित व्यवहार करना, या किसी मरीज के साथ अनुचित संबंध अपने पेशेवर पद का दुरुपयोग करके बनाना।
- नैतिक क्रूरता / आपराधिक कृत्यों से जुड़े वैसे अपराध, जिसके लिए न्यायालय द्वारा सजा दी जाती है।
- महिला भ्रूण का गर्भपात कराने के उद्देश्य से, उसके लिंग का पता लगाना।
- किसी भी ऐसे प्रमाण पत्र, रिपोर्ट, या ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना, और देना जो असत्य, भ्रामक या अनुचित हैं।
- बिना किसी चिकित्सीय, सर्जिकल या मनोवैज्ञानिक कारण के गर्भपात करना, या गैरकानूनी ऑपरेशन करना, या अयोग्य व्यक्तियों को ऐसा करने देना।
मरीज की सूचनाओं की गोपनीयता
रोगों और उपचारों के बारे में वैसे लेखों को छापना और साक्षात्कार देना, जिसका प्रभाव विज्ञापन के तौर पर या पेशे की बढ़ोतरी के लिये किया जा सकता हो। हालांकि एक चिकित्सा पेशेवर अपने नाम के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छ रहन सहन के मामलों में प्रेस में लिखने के लिये स्वतंत्र हैं। वे अपने नाम के तहत सार्वजनिक व्याख्यान दे सकते हैं, वार्ता कर सकते हैं, और इनकी घोषणा प्रेस में भी कर सकते हैं।
उन्हें मरीज की उन गोपनीय जानकारियों को खुलासा करने की अनुमति, जो डॉक्टर को उनके पेशेवर व्यवहार के चलते पता चला है, निम्नलिखित मामलों के तहत दी जाती है:
- न्यायालय में पीठासीन न्यायिक अधिकारी के आदेश के तहत;
- उन परिस्थितियों में जहां एक विशिष्ट व्यक्ति को और / या समुदाय को गंभीर और ज्ञात खतरा है; तथा
- दर्ज किये गये रोगों के मामले में।
मरीजों की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरें या उनके केस रिपोर्ट को प्रकाशित करना। उदाहरण के लिए, एक डॉक्टर किसी भी चिकित्सा या अन्य पत्रिका में मरीज की पहचान को प्रकाशित नहीं कर सकता है। अगर पहचान का खुलासा नहीं किया गया है, तो मरीज की सहमति की आवश्यकता नहीं है।
मरीज को उपचार से इनकार करना
चिकित्सीय कारण होने के बावजूद बांझपन, जन्म नियंत्रण, खतना और गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति करना या उसमें सहायता करना, केवल धार्मिक आधार पर इनकार किया जा सकता है। हालांकि, चिकित्सक उपचार करने से तब भी इनकार कर सकते हैं यदि वे मानते हैं कि इसके उपचार के लिये उनके पास पर्याप्त योग्यता नहीं है।
ऑपरेशन या उपचार का संचालन करना
नाबालिग, या खुद मरीज के मामले में पति या पत्नी, माता-पिता या अभिभावक से लिखित सहमति प्राप्त किए बिना ऑपरेशन करना। इसके अतिरिक्त, ऐसे ऑपरेशन जिनमें बांझपन हो सकता है उस मामले में पति और पत्नी दोनों की सहमति लेने की आवश्यकता होती है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या कृतिम गर्भाधारण, महिला मरीज, उसके पति और दाता (डोनर) की सूचित सहमति के बिना कराना। हालांकि, महिला मरीज को लिखित सहमति देना आवश्यक है। पर्याप्त जानकारियां, उद्देश्य, तरीकों, खतरों, और असुविधाओं के बारे में बताना, और की जाने वाली प्रक्रियाओं की संभावित विफलताओं और संभावित संयोगों और खतरों के बारे में भी बताना, डॉक्टर का कर्तव्य है।
फिर भी ये सभी, पेशे के दुराचार के प्रकारों की संपूर्ण सूची नहीं है। ऊपर दी गई परिस्थितियों के अलावा भी कई ऐसे और अनकहे कृत्य हैं जो पेशे के दुराचार के योग्य हो सकते हैं और जिस पर, उपयुक्त जिम्मेदार चिकित्सा परिषद उस पर कार्रवाई कर सकती है।