भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ई-सिगरेट उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कहते हैं, जो निकोटीन की मात्रा और स्वाद की परवाह किये बिना, किसी अन्य पदार्थ को गर्म करके, कश लेने के लिये एरोसॉल बनाता है। इसमें सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम, हीट नॉट बर्न उत्पाद, ई-हुक्का इत्यादि शामिल हैं।
इनके उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, विक्रय, परिवहन पर प्रतिबंध
ई-सिगरेट का उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन या विक्रय, तथा ई-सिगरेट के प्रचार और विज्ञापन अवैध है। यदि आप इनमें से कुछ भी करते हैं, तो आपको 1 वर्ष तक का कारावास, और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दोबारा ऐसा अपराध करने पर, आपको 3 साल तक का कारावास, और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
ई-सिगरेट का भंडारण
ई-सिगरेट के भंडारण के लिए, किसी भी जगह का उपयोग करना अवैध है। आपको 1 वर्ष तक का कारावास और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दोबारा ऐसा अपराध करने पर, आपको 3 साल तक का कारावास और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।
सिर्फ इसलिए कि आपके पास ई-सिगरेट है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप कोई अवैध काम कर रहे हैं। कानून के अनुसार ई-सिगरेट रखना कोई अपराध नहीं है।
यदि किसी अधिकारी को, जो उप-निरीक्षक या उसके उपर के पद का है, ऐसा लगता है कि इस कानून का कहीं उल्लंघन हो रहा है, वह उस जगह की तलाशी ले सकता है जहां व्यापार, उत्पादन, भंडारण या ई-सिगरेट के विज्ञापन किया जा रहा है। वह तलाशी के दौरान ई-सिगरेट से जुड़े किसी भी दस्तावेज या संपत्ति को भी जब्त कर सकता है और अपराध से जुड़े व्यक्ति को हिरासत में भी ले सकता है। हालाँकि, तलाशी के दौरान पाई गई संपत्ति या रिकॉर्ड्स को यदि जब्त नहीं किया जा सकता है, तो वह ऐसी संपत्ति, स्टॉक्स या रिकॉर्ड्स को कुर्क (अटैच) करने का आदेश दे सकता है।