आपके पहचान दस्तावेज़ आपके अधिकारों को सुविधाजनक बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि का अधिकार। ये दस्तावेज़ दिन-प्रतिदिन की गतिविधियां, जैसे एक ‘सिम’ कार्ड या एक बैंक खाते के आवेदन करने आदि के लिए भी महत्वपूर्ण है। आप जिस लिंग के साथ जुड़े रहना चाहते हैं, उस लिंग का निर्धारण करते हुए अपना पहचान दस्तावेज़ प्राप्त करना आपका अधिकार है।
सरकार द्वारा जारी पहचान पत्रों में लिंग को मान्यता दी जाती है
भारत में पहचान दस्तावेज़ केवल 3 श्रेणियों को मान्यता देते हैं, जो हैं ‘पुरुष’, ‘महिला’ और ‘तीसरा लिंग’ (हिज़ड़ा – ‘ट्रांसजेंडर’)। यदि आप ऐसे किसी भी रूप या प्रक्रिया से रूबरू होते हैं, जो आपको ‘तीसरा लिंग’ (हिज़ड़ा – ‘ट्रांसजेंडर’) चुनने का विकल्प नहीं देती है, तो आप ये कर सकते हैं:
- अधिकारियों से पूछें कि आपके पास अन्य क्या विकल्प है
- पहचान प्रमाण प्राप्त करने के लिये गैर सरकारी संगठनों (‘एनजीओ’) और वकीलों की मदद लें
- अपने लिंग की पहचान के प्रमाण की एक कॉपी साथ रखें।
आपको कम से कम नीचे दिए गए पहचान प्रमाण पत्रों में से एक को प्राप्त करने के लिये कोशिश करनी चाहिए ताकि आपके लिए दूसरे दस्तावेज़ों के आवेदन करने की प्रक्रिया आसान हो जाए। भले ही पूरे भारत में कई पहचान दस्तावेज़ समान ही हैं, लेकिन उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया अलग अलग हो सकती है, इसलिए आपको अपने राज्य के भीतर की जरूरतों को समझना महत्वपूर्ण है। आप किसी ऐसे व्यक्ति से परामर्श ले सकते हैं, जो पहले से ही एक ऐसा पहचान पत्र प्राप्त कर चुका है, या आप किसी वकील, गैर सरकारी संस्थाओं आदि से मदद ले सकते हैं।