10 से अधिक कर्मचारियों वाले कार्यस्थलों पर एक ऐसी समिति गठित करना आवशयक है जो विशेष रूप से यौन उत्पीड़न के मामलों को संभालती है। इसे ‘आंतरिक शिकायत समिति’ के नाम से जाना जाता है। इस समिति में ये लोग शामिल होने चाहिए:
- वरिष्ठ स्तर की कार्यरत महिला हो, जो समिति की सभापति होगी
- यदि मामला छात्रों से संबंधित है, तो तीन छात्र सदस्य
- गैर सरकारी संगठन या ऐसी संस्था का एक सदस्य जो महिलाओं की विषयों के प्रति प्रतिबद्ध हो, या फिर ऐसा व्यक्ति जो यौन उत्पीड़न के मामलों से अच्छी तरह परिचित हो। इस सदस्य को उनकी सदस्यता/सेवा के लिए भुगतान किया जायेगा।
- इसके कम से कम आधे सदस्य महिलाएं होंगी
- वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर आसीन लोग, जैसे कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, या विभागाध्यक्ष इसके सदस्य नहीं हो सकते हैं।
- सदस्यों के लिए तीन साल का कार्यकाल होगा। उच्च शिक्षण संस्थान ऐसी व्यवस्था लागू कर सकते हैं जहां हर साल, एक तिहाई सदस्य बदलते रहते हैं।
यदि सभापति अपनी शक्तियों का उल्लंघन करते हुए कार्यवाई करता है तो उन्हें हटा दिया जाएगा और नया नामांकन किया जायेगा।
आंतरिक शिकायत समिति को, शिकायत लेने और उचित समय के अंदर जाँच करने के लिए, अधिनियमों का पालन करना होगा। कंपनी या संस्था को, आंतरिक शिकायत समिति को जाँच पूरी करने के लिए जो चीजें जरूरते हों, उसे उपलब्ध करानी होगी।