एक व्यक्ति वास्तुकार के आचरण के संबंध में शिकायत दर्ज कर सकता है यदि वास्तुकार सौंपे किए गए काम में निष्पक्षता और न्यायसंगत तरीके से नहीं करता है, या उसे कमीशन लेते हुए या इस तरह के किसी अन्य पेशेवर दुराचार (प्रफेशनल मिस्कन्डक्ट) के व्यवहार में संलिप्त पाया गया हो। आप वास्तुकला परिषद से उसकी शिकायत कर सकते हैं।
वास्तुकला परिषद (कॉउन्सिल ऑफ आर्किटेक्चर)
वास्तुकला परिषद, भारत सरकार द्वारा भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित वास्तु-कला अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत गठित एक सांविधिक निकाय है। पूरे भारत में वास्तुकारों का पंजीकरण के अतिरिक्त वास्तुकला परिषद पर, भारत में पेशेेवर वास्तुकार की शिक्षा और व्यवहार को विनियमित करने की जिम्मेदारी रहती है। इसके अतिरिक्त, यह विशेषज्ञों की कमेटियों के माध्यम से समय-समय पर वास्तुकला के मानकों का निरीक्षण भी करता रहता है।
एक वास्तुकार के विरुद्घ शिकायत दर्ज करने और दंड देने की प्रक्रियाएं
किसी वास्तुकार के द्वारा अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करने को पेशेवर दुराचार (प्रफेशनल मिस्कंडक्ट) माना जाता है, और इसके लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। इसके अतिरिक्त परिषद, जांच के बाद नीचे सूचीबद्ध किये तीन कदमों में से कोई एक कदम उठा सकती है:
- उक्त वास्तुकार को फटकार लगाना
- एक वास्तुकार के रूप में उसको पेशे से निलंबित करना
- वास्तुकार रजिस्टर से वास्तुकार का नाम हटा देना
आप यहां शिकायत फॉर्म का प्रारूप पा सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति वास्तुकारों के खिलाफ सभी दर्ज शिकायतों और उनके दुराचार से संबंधित मामलों को देखती है।
इसके अलावा, यदि आपको कोई ऐसा अपंजीकृत व्यक्ति मिलता है जो किसी और के नाम का इस्तेमाल करते हुए ‘वास्तुकार’ के पद का गलत इस्तेमाल करता है, या आपकी ओर से गलत बयानबाजी करता है तो आप ऐसे व्यक्ति के खिलाफ संबंधित दस्तावेजों के साथ परिषद की वेबसाइट पर ऑन लाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।